इस पर हँसूँ मैं या चिढ़ूँ कि फिर करूँ इताब ?
उम्मी को दे रहे हो तोहफे में जो किताब !!
डरता है मौत से वो जैसे
बच्चे भूत देख ,
जाँबाज़ का उसे ही तुम नवाज़ते ख़िताब !!
[ इताब=क्रोध,ग़ुस्सा /उम्मी=निरक्षर,अनपढ़ ]
-डॉ. हीरालाल
प्रजापति
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