आर्ज़ू रखता नहीं कुछ ख़्वाब
भी बुनता नहीं ।।
बाग़ के काँटे निकालूँ
गुल-कली चुनता नहीं ।।
*ख़ुशमनिश हूँ मैं *मुरीदे-मर्सिया
*हैरानगी ,
*शादमानी में भी *नग्मा–ए–ख़ुशी
सुनता नहीं ।।
( *ख़ुशमनिश=प्रसन्नचित्त व्यक्ति *मुरीदे-मर्सिया=शोकगीत प्रेमी *हैरानगी=आश्चर्य *शादमानी=प्रसन्नता का अवसर *नग्मा–ए–ख़ुशी=हर्षगीत )
-डॉ. हीरालाल
प्रजापति
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