Wednesday, February 26, 2014

मुक्तक : 492 - बतलाओ न दो-चार नहीं


( चित्र Google Search से साभार )

बतलाओ न दो-चार नहीं सैकड़ों दफ़ा ॥
तारी किये हैं तुमने मुझपे ज़ुल्म और जफ़ा ॥
फिर भी किये ही जाऊँ तुमसे इश्क़ और वफ़ा ॥
होता नहीं हूँ क्यों कभी भी बरहम और ख़फ़ा ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...