Sunday, February 16, 2014

मुक्तक : 481 - यों दिखा करता हूँ





यों दिखा करता हूँ फूला सा भले मैं ॥

पर दबा हूँ आपकी स्मृति-तले मैं ॥

आगे यद्यपि मैं विहँसता हूँ जगत के ,

झेलता हूँ किन्तु हिय में ज़लज़ले मैं ॥

-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...