Thursday, February 6, 2014

मुक्तक : 468 - पहले भी थे पर इतने


पहले भी थे पर इतने नहीं थे तब आदमी ॥
मतलब परस्त जितने हुए हैं अब आदमी ॥
इक दौर था ग़ैरों पे भी देते थे लोग जाँ ,
अब जाने फिर से वैसे ही होंगे कब आदमी ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...