पहले भी थे पर इतने
नहीं थे तब आदमी ॥
मतलब परस्त जितने हुए
हैं अब आदमी ॥
इक दौर था ग़ैरों पे
भी देते थे लोग जाँ ,
अब जाने फिर से वैसे
ही होंगे कब आदमी ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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