Saturday, February 22, 2014

मुक्तक : 489 - इसकी धड़कन अलग है



इसकी धड़कन अलग है बेढब है ॥
इसमें पहले भी न थी ना अब है ॥
दिल को मेरे खँगाल लो जितना ,
आर्ज़ू के सिवा यहाँ सब है ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...