Sunday, February 23, 2014

मुक्तक : 490 - चुप-चुप रहने वाला


( चित्र Google Search से साभार )

चुप-चुप रहने वाला आगे बढ़-बढ़ बोले ।।
नये-नये नायाब बहाने गढ़-गढ़ बोले ।।
ये हैरतअंगेज़ कारनामा वो करता ,
जिसके सिर पर जादू इश्क़ का चढ़-चढ़ बोले ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...