सारी दुनिया से अलग भाग-भाग
रहता था ।।
खोया यादों में उसकी जाग-जाग
रहता था ।।
मैं भी हँसता था कभी जब वो
मुझपे आशिक़ थे ,
दिल ये मेरा भी सब्ज़ , बाग़बाग़
रहता था ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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