Tuesday, January 28, 2014

मुक्तक : 460 - मैं बेक़सूर हूँ मैं


मैं बेक़सूर हूँ मैं गुनहगार नहीं हूँ ।।
हरगिज़ किसी सज़ा का मैं हक़दार नहीं हूँ ।।
चुभते हों जिनको फूल उनकी नाजुकी ग़लत ,
मैं नर्म-नर्म गुल हूँ सख़्त ख़ार नहीं हूँ ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

2 comments:

अजय कुमार झा said...

वाह वाह बहुत अच्छे ..

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! अजय कुमार झा जी !

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...