मैं बेक़सूर हूँ मैं
गुनहगार नहीं हूँ ।।
हरगिज़ किसी सज़ा का
मैं हक़दार नहीं हूँ ।।
चुभते हों जिनको फूल
उनकी नाजुकी ग़लत ,
मैं नर्म-नर्म गुल
हूँ सख़्त ख़ार नहीं हूँ ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
2 comments:
वाह वाह बहुत अच्छे ..
धन्यवाद ! अजय कुमार झा जी !
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