Tuesday, January 7, 2014

110 : ग़ज़ल - आँसुओं को गिरा



आँसुओं को गिरा फिर पिये जाओ तुम ।।
याद पर याद उनको किये जाओ तुम ।।1।।
रूठकर जा रही प्रेमिका को तुरत ,
इतना कह रोक लो " मत प्रिये जाओ तुम " ।।2।।
तुमको काँटों से ही है मोहब्बत अगर ,
अपनी बाहों में चूमो लिये जाओ तुम ।।3।।
गर बहुत ख़ुश है तुमसे बिछड़ वो वहाँ ,
तो यहाँ मुस्कुराकर जिये जाओ तुम ।।4।।
मै है ग़म की दवा मान बस इक दफ़्आ ,
जाम पर जाम भर-भर पिये जाओ तुम ।।5।।
बाद मरने के भी जग न भूले तुम्हें ,
कोई नज़राना ऐसा दिये जाओ तुम ।।6।।
बेहतर है भुला दो बुरी याद या ,
ज़ख़्म उधेड़ो खुरच फिर सिये जाओ तुम ।।7।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...