रहूँ प्यासा गुलू में चाहे क़तरा आब ना जाये ।।
तुम्हारे इश्क़ में जलने की मेरी ताब ना जाये ।।
नहीं क़ाबिल मैं हरगिज़ भी तुम्हारे पर दुआ इतनी ,
तुम्हें पाने का आँखों से कभी भी ख़्वाब ना जाये ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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