Friday, January 17, 2014

मुक्तक : 447 - सोने-चाँदी के जो


सोने-चाँदी के जो क़ाबिल हैं ; हैं जो मतवाले ।।
कोयले उनको मिले लोहे भी धूसर काले ।।
है ये क़िस्मत भी अजब चीज़ चमेली वाला ,
तेल मल-मल के छछूंदर के मगज पे डाले ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...