ये किसकी उसपे यक-ब-यक
पड़ी रे बद निगाह ?
ये किसकी लग गई रे
उसको हाय - हाय आह ।।
दम दे के ही हुई वो जो ख़्वाब की तामीर ,
बा नामो-निशां दम के
दम गिरी हुई तबाह ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
1 comment:
धन्यवाद ! Sriram Roy जी !
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