Sunday, November 24, 2013

मुक्तक : 384 - ताल ,कूप ,नदिया


( चित्र Google Search से साभार )
ताल ,कूप ,नदिया या नल दे ।।
पीने को तत्काल ही जल दे ।।
है असह्य अब प्यास , अन्यथा
कालकूट सा तरल-गरल दे ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...