Friday, November 8, 2013

मुक्तक : 367 - ये किसकी उसपे



ये किसकी उसपे यक-ब-यक पड़ी रे बद निगाह ?
ये किसकी लग गई रे उसको हाय - हाय आह ।।
दम दे के ही हुई वो जो ख़्वाब की तामीर ,
बा नामो-निशां दम के दम गिरी हुई तबाह ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...