Sunday, November 10, 2013

मुक्तक : 369 - उसकी जिह्वा अति कटुक


उसकी जिह्वा अति कटुक अति तिक्त है ॥
पूर्णतः मधु-खांड रस से रिक्त है ॥
पूछने पर क्यों ? तो वह कहता है यह -
दुःख से वह आपाद-मस्तक सिक्त है ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...