घनघोर अमा-निश में
उजाली की तरह है ॥
उजाली की तरह है ॥
अपमान की कालिख में
तू लाली की तरह है ॥
तू लाली की तरह है ॥
संतों के वास्ते है तू
तरने को नाव सी
तरने को नाव सी
मधु-कैटभों को दुर्गा की ,
काली की तरह है ॥
काली की तरह है ॥
[ अमा-निश =अमावस्या
की रात ,उजाली =चाँदनी ,लाली =इज़्ज़त ]
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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