Saturday, November 23, 2013

मुक्तक : 383 - कभी हुआ न किसी ने


कभी हुआ न किसी ने मुझे सराहा हो ।।
किया हो दोस्ताना झूठ ही निबाहा हो ।।
कभी भी भूलकर न याद आ रहा मुझको ,
किसी ने प्यार किया हो किसी ने चाहा हो ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...