Friday, November 1, 2013

मुक्तक : 360 - जब देखो तब दिमाग़


जब देखो तब दिमाग़ यही करता है सवाल -
क्या इसको ही न बोलेंगे हम वक़्त-ए-जवाल ?
पहचानने से करने लगें अपने जब इनकार ,
कुछ ख़ैर-ख़बर लें न कभी पूछें हाल-चाल ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...