Monday, August 26, 2013

मुक्तक : 321 - कुछ बस अपने


( चित्र google search से साभार )
कुछ बस अपने दीन तो कुछ ईमान बदलते हैं ॥
कुछ तो मालिक कुछ अपने भगवान बदलते हैं ॥
पल में लाल हरे पल भर में अपने मतलब को ,
अपना रँग गिरगिट जैसा इंसान बदलते हैं ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...