Monday, August 12, 2013

मुक्तक : 305 - भावों के मौन



भावों के मौन स्पष्ट प्रहारों से दे जवाब ॥
माना ज़ुबाँ नहीं तो इशारों से दे जवाब ।
कब तक करेगा उसकी बदसलूकियाँ बरदाश्त ?
अब सब्र छोड़ गोली-कटारों से दे जवाब ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...