Friday, August 23, 2013

मुक्तक : 319 - वो कंकड़ी भी मारें



वो कंकड़ी भी मारें सर उनके शिला रख दे ॥
इक बुर्ज़ भी छेड़ें तू बुनियाद हिला रख दे ॥
आधी सी भूल पर भी पूरा सबक दे उनको ,
मत बख़्श दुश्मनों को मिट्टी में मिला रख दे ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...