Wednesday, August 14, 2013

मुक्तक : 307 - उसको नुक़्साँ नहीं


उसको नुक़्साँ नहीं है सिर्फ़ नफ़ा है मुझसे ।।
इतने सालों में मगर पहली दफ़ा है मुझसे ।।
देख मुझको चहकने ,झूमने , हँसने वाला ,
सख़्त हैराँ हूँ आज सख़्त ख़फ़ा है मुझसे ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...