Sunday, August 18, 2013

मुक्तक : 313 - उनके मुख को मुख


उनके मुख को मुख नहीं बस , लिखते रहे कँवल ॥
ख़्वाब ही बुनते रहे बस , कहते रहे ग़ज़ल ॥
लेने वाला ले उड़ा जब , उनको पैदल चल ,
हाथ हिलाते रह गये हम बस दिल मसल-मसल ॥
 -डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...