Wednesday, June 25, 2014

मुक्तक : 554 - मंदिरों में मस्जिदों में रूहो



मंदिरों में मस्जिदों में रूहो - दिल में जो ख़ुदा ॥
एक ही सब शक्लों में है ईश हो या वो ख़ुदा ॥
एक दिन हो जाएँगे ऐसे तो लाखों दोस्तों ,
कितना भी अच्छा हो इंसाँ उसको मत बोलो ख़ुदा ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...