Monday, June 16, 2014

मुक्तक : 543 - पीते हैं वो तो कहते हैं


पीते हैं वो तो कहते हैं करते हैं ग़म ग़लत ॥
हम छू भी लें तो बोलेंगे करते हैं हम ग़लत ॥
हालात उनसे इस क़दर ख़राब हैं अपने ,
हमको तो ये लगता है कि चलता है दम ग़लत ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

7 comments:

Pratibha Verma said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

संजय भास्‍कर said...

सुंदर व अर्थपूर्ण पंक्तियां...

Unknown said...

बढ़िया।

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! संजय भास्कर जी !

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! Smita singh जी !

Vaanbhatt said...

उम्दा प्रस्तुति...

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! Vaanbhatt जी !

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...