Saturday, June 7, 2014

मुक्तक : 538 - ऐसा करूँ धमाल


ऐसा करूँ धमाल-धूम सालगिरह पे ॥
ऐसा दिखाऊँ रक़्स झूम सालगिरह पे ॥
इतना हूँ ख़ुश कि आज तो जी है अदू के भी ,
जाकर के लिपट जाऊँ चूम सालगिरह पे ॥
( अदू = शत्रु , दुश्मन )
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...