Thursday, June 5, 2014

मुक्तक : 535 - मुंबई , कलकत्ता , देहरादून



मुंबई , कलकत्ता देहरादून में आँसू ॥
बारिशों में सर्दियों मई-जून में आँसू ॥
तेरी यादों ने मुझे कुछ यूँ रुलाया है ,
मिल गये मेरे पसीने ख़ून में आँसू ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...