Sunday, June 15, 2014

मुक्तक : 541 - सच कहा लेकिन अधूरा


सच कहा लेकिन अधूरा चाहे जिसने कह दिया ॥
कितने-कितने,इसने-उसने,जिसने-तिसने कह दिया ॥
और भी हैं ढेरों ज़िम्मेदारियाँ इससे अहम ,
है जवानी इश्क़ को ही तुझसे किसने कह दिया ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

1 comment:

संजय भास्‍कर said...

लाजवाब ......बहुत सुन्दरता के साथ पेश किया है !!

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...