Friday, June 6, 2014

मुक्तक : 536 - मत कह बबूल मुझको



मत कह बबूल मुझको छोटा हूँ बेर से भी ॥
झूठा हूँ बालकों सा लेकिन नहीं फ़रेबी ॥
खंभों की तरह माना सीधा नहीं हूँ लेकिन ,
मत कर मुनादी मैं हूँ टेढ़ा हो ज्यों जलेबी ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...