Thursday, September 26, 2013

मुक्तक : 350 - वो जबसे ही कुछ


वो जबसे ही कुछ दूर जाने लगे ॥
ख़यालों में तबसे ही छाने लगे ॥
नहीं लगते थे कल तलक अच्छे अब ,
वही सबसे ज़्यादा लुभाने लगे ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...