Sunday, September 15, 2013

मुक्तक : 337 - क्या सितम-ज़ुल्म-जफ़ा


क्या सितम-ज़ुल्म-जफ़ा करना बुरी बात नहीं ?
क्या मोहब्बत में दग़ा करना बुरी बात नहीं ?
तो जो ऐसा हो सितमगर-ओ-दग़ाबाज़ उससे ,
अपना वादा-ओ-वफ़ा करना बुरी बात नहीं ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...