Wednesday, July 31, 2013

मुक्तक : 294 - पाँवों के होते



पाँवों के होते हाथों से बढ़ना सही नहीं ॥
दुनिया मिटा के जन्नतें गढ़ना सही नहीं ॥
बेहतर है आदमी ज़मीं पे ही करे बसर ,
छत छोड़ आस्मान पे चढ़ना सही नहीं ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...