जिसने कि ख़ुद ही मुझको गुनहगार किया है ॥
हैरान हूँ उसी ने गिरफ़्तार
किया है !
जानूँ न क्यों डुबो रहा
है सूखी नहर में ,
नदियों से गहरी-गहरी जबकि
पार किया है ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...
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