Sunday, July 7, 2013

मुक्तक : 273 - बहुत हल्का मगर


बहुत हलका मगर भारी लगे है ॥
मुझे चिड़िया का पर भारी लगे है ॥
तुझे क्या सर उठाऊँ जबकि अपना ,
धरा काँधों पे सर भारी लगे है ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

2 comments:

Shoonya Akankshi said...

Muktak bahut umda hai lekin photo samayanukool naheen hai.

- Shoonya Akankshi

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! Shoonya Akankshi जी !

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...