Thursday, July 25, 2013

मुक्तक : 284 - आलमे बेवफ़ाई में


आलमे बेवफ़ाई में वफ़ा-वफ़ा लगता ॥
बददुआओं की भीड़ में दुआ-दुआ लगता ॥
ऐसा वो हो न हो मगर ज़रूर सूरत से ,
इक नज़र में तो आस्मानी-फ़रिश्ता लगता ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...