बस स्वप्न ही न देख न
केवल विचार कर ॥
करना है जो भी तुझको तो वो आर-पार कर ॥
निश्शंक सादगी का पहन
कर तू जामा चल ,
बस बैलगाड़ी चाल तज स्वयं को कार कर ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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