Saturday, July 6, 2013

मुक्तक : 270 - ईश्वर को ध्यान में रख

ईश्वर को ध्यान में रख पथ की विकट बलाएँ ॥
हमनें स्वयं ही हल कीं चुन-चुन के समस्याएँ ॥
कुछ भी तो सरलता से सौभाग्य से न पाया ,
जो कुछ मिला है करके घनघोर तपस्याएँ ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

2 comments:

Rajendra kumar said...

बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,अभार।

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! राजेन्द्र कुमार जी !

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...