Friday, July 26, 2013

मुक्तक : 286 - बहुत आसानियों


बहुत आसानियों से कब , वो मुश्किल से उतर बैठा
ख़ुद अपने पाँव अपनी ही , वो मंज़ि से उतर बैठा
ख़ुद अपनी ही बदौलत अपनी भरसक कोशिशों से वो ,
जो उतरा था कभी दिल में , तहे दिल से उतर बैठा
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

3 comments:

Anonymous said...

bahut khub

visit here
VLC media player की परेशानी और हल

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! sanny chauhan जी !.............ज़रूर

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...
This comment has been removed by the author.

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...