Saturday, July 6, 2013

मुक्तक : 271 - सँकरी गली में



सँकरी गली में लंबी-चौड़ी कार ना चला ॥
चाकू से काट केक को तलवार ना चला ॥
बादल हैं तेरे पास तो सूखे में फाड़ उन्हेंं ,
लबरेज़ कुओं , नदियों में बौछार ना चला ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...