Tuesday, July 2, 2013

मुक्तक : 261 - चैन से मुझको जो


चैन से मुझको जो जीने न दे रहे आदम ॥
मेरे मरने पे मनाएँँगे शर्तिया मातम ॥
आज लगती है मेरी चाल उनको बेढब सी ,
कल मेरे तौर तरीक़ों पे चलेगा आलम ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...