Sunday, June 30, 2013

मुक्तक : 256 - बात सारी दिल


बात सारी दिल की दिल में रख न बाहिर कर ॥
दोस्तों में भी कमी अपनी न ज़ाहिर कर ॥
नीम रख दिल में मगर होठों पे रसगुल्ले ,
काम तो कर बात में भी ख़ुद को माहिर कर ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

2 comments:

Rajendra kumar said...

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती आभार ।

डॉ. हीरालाल प्रजापति said...

धन्यवाद ! राजेन्द्र कुमार जी !

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...