Monday, June 3, 2013

मुक्तक : 240 - पढ़ता नहीं कोई


पढ़ता न कोई हो तो भला क्यों लिखे कोई ?
अंधे के वास्ते बताओ क्यों सजे कोई ?
होता ज़रूर होगा कुछ तो फ़ायदा वर्ना ,
कोई सुने न फिर भी अपनी क्यों कहे कोई ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...