Tuesday, June 4, 2013

मुक्तक : 241 - कोई आशा की


कोई आशा की किरण सम्मुख न हो ॥
दुःख भरा हो उसमें किंचित सुख न हो ॥
कितना भी हो कष्टप्रद जीवन.... युवा ,
आत्महत्या को कभी उन्मुख न हो ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...