Wednesday, June 5, 2013

मुक्तक : 244 - अंधों को है


अंधों को है गुलिस्तान के दीदार का हुकुम ॥
गूँगों को करने भौंर सी गुंजार का हुकुम ॥
ये उलटे हुक़्मराँ जो ठग लुटेरे न्योतते ,
देते निगेहबाँ को तड़ीपार का हुकुम ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

No comments:

मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...