कौन विहग दूँ भेंट तुझे ? जब मन ख़याल लाया ।।
मोर , पपीहा छोड़ सभी खग मैं मराल लाया ।।
पुष्प समर्पित करने स्वयं जा बीच ताल से कुछ ,
नीलकमल ,श्वेत उत्पल के सँग पद्म लाल लाया ।।
-डॉ. हीरालाल
प्रजापति
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