Sunday, April 19, 2015

161 : ग़ज़ल - छुपाने की कोशिश ॥



नुमूदार को ना दिखाने की कोशिश ॥
दिखाने की है सब छुपाने की कोशिश ॥
ये क्या है अड़ा टाँग पहले गिराकर ,
बहुत प्यार से फिर उठाने की कोशिश ?
ये दे के क़सम तुमको हम ना भुलाएँ ,
हमें याद कर-कर भुलाने की कोशिश ॥
कि दफ़्तर में अफ़सर की हर मातहत को ,
पले बंदरों सा नचाने कि कोशिश ॥
वो तालीम क्या बचपने से ही जिसमें ,
हो बच्चों को बूढ़ा बनाने की कोशिश ?
( नुमूदार=प्रकट ,तालीम=शिक्षा )
-डॉ. हीरालाल प्रजापति

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