Thursday, November 20, 2014

मुक्तक : 643 - सिर्फ़ होती है ख़ता


सिर्फ़ होती है ख़ता या कि भूल होती है ॥
ये नगीना नहीं ये ख़ाक-धूल होती है ॥
मैंने माना कि मोहब्बत में तू हुआ है फ़ना ,
फिर भी मत कह कि मोहब्बत फ़िजूल होती है ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...