Thursday, November 13, 2014

मुक्तक : 637 - उनके तो ले ही गये


उनके तो ले ही गये सँग में हमारे ले उड़े ॥
इक नहीं दो भी नहीं सारे के सारे ले उड़े ॥
हमने रक्खे थे अमावस की निशा भर के लिए ,
जो जमा दीप ,जो जुगनूँ ,जो सितारे ,ले उड़े ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...