Thursday, May 26, 2016

मुक्तक : 840 - वो सीधा-सादा सा


वो सीधा-सादा सा टेढ़ी निगाह कर बैठा ॥
शरीफ़ हो के भी ज़ुर्म-ओ-गुनाह कर बैठा ॥
कि अधबने को बनाते बनाते जाने क्यों ,
न करके पूरा वो पूरा तबाह कर बैठा ?
-डॉ. हीरालाल प्रजापति 

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मुक्तक : 948 - अदम आबाद

मत ज़रा रोको अदम आबाद जाने दो ।। हमको उनके साथ फ़ौरन शाद जाने दो ।। उनसे वादा था हमारा साथ मरने का , कम से कम जाने के उनके बाद जाने दो ...